क्या आपको पता हैं ? Electric Vehicle क्या हैं ? और ये कितने तरह के होते हैं ? और क्यों देश में Electric Vehicle चलाने की बात की जा रही हैं ? ऐसे कई और तरह के सवाल लोगों को अक्सर परेशान करते हैं। जैसा कि हम लोग जानते हैं भारत में आज भी कमजोर इन्फ्रास्ट्रक्चर की वजह से electric vehicle की जगह पेट्रोल और डीजल वाहनों को अधिक उपयोग में लाया जाता हैं। उन वाहनों से निकलना वाला धुआं हमारी प्रथ्वी के लिए काफी हानिकारक होता हैं | इसी वजह भारत देश में आने वाले समय में electric vehicle चलाने की बात की जा रही हैं।
Electric Vehicle क्या हैं ?(What is Electric Vehicle)
इलेक्ट्रिक कारे या इलेक्ट्रिक वाहन को EV का नाम दिया गया हैं इलेक्ट्रिक वाहन का मतलब ऐसा वाहन से होता हैं जो अपने बैटरी या किसी बाहरी सोर्स की बिजली से चलते हैं | हालाँकि यह आवयश्क नहीं हैं किसी भी इलेक्ट्रिक वाहन या इलेक्ट्रिक कार की उर्जा का सोर्स बैटरी ही हो, कई ऐसे इलेक्ट्रिक कार भी होती हैं जिसके अंदर लगी मोटर किसी अन्य सोर्स से उर्जा प्राप्त करती हैं जिसको अलग-अलग नाम दिया जाता हैं, इस बारे में अभी आगे बात करेंगे | लेकिन अधिकतर इलेक्ट्रिक कारों का उपयोग शुद्ध बैटरी इलेक्ट्रिक वाहनों में प्रमुख रूप से किया जाता हैं |
19 वी सदी के मध्य इलेक्ट्रिक वाहनों का चलन पहली बार अस्तित्व में आया, जब बिजली के वाहनों को आराम और संचालन के लिए पेट्रोल वाहन की तुलना में अधिक उपयोगी माना जाता था | लेकिन सही तकनीकी न होने की वजह से इसका विकास वही रोक रुक गया |
इलेक्ट्रिक वाहन कितने प्रकार के होते हैं ? (Types of Electric Vehicle)
इलेक्ट्रिक वाहन मुख्य रूप से तीन प्रकार के होते हैं : बैटरी इलेक्ट्रिक वाहन, प्लग इन हाइब्रिड इलेक्ट्रिक वाहन और हाइब्रिड इलेक्ट्रिक वाहन |
Battery Electric Vehicle (BEVs)
बैटरी इलेक्ट्रिक व्हीकल, जिसे BEV के नाम से भी जाना जाता हैं, यह पूर्ण रूप से इलेक्ट्रिक वाहन ही होते हैं जो केवल बैटरी दुवारा चार्ज करने पर चलते हैं और इसके अलावा कोई और गैसोलीन इंजन उपयोग में नहीं लाया जाता हैं | इसमें लगे गैसोलीन इंजन किसी भी प्रकार का हानिकारक उत्सर्जन नहीं करते हैं और इसने बाहरी सोर्स की मदद चार्ज किया जाता हैं | अगर कुछ BEV इलेक्ट्रिक वाहनों का उदहारण लिया जाए तो उनमे मोटरसाइकिल,स्कूटर, ट्रक्स, कार और ट्रेन आदि शामिल हैं |
Plug-in Hybird Electric Vehicle (PHEV)
प्लग इन हाइब्रिड इलेक्ट्रिक वाहन एक विशेष प्रकार के हाइब्रिड वाहन हैं जिसमें एक गैसोलीन या डीजल इंजन को एक इलेक्ट्रिक मोटर और एक बड़ी बैटरी से जोड़ा जाता हैं | इन्हें इलेक्ट्रिक वाहन चार्जिंग स्टेशन में प्लग की मदद से रिचार्ज किया जाता हैं |
इस प्रकार के वाहन आमतौर पर दो मोड में चल सकते हैं “आल इलेक्ट्रिक- जिसमें बैटरी और मोटर कार को शक्ति प्रदान करते हैं वही दूसरा मोड हाइब्रिड होता हैं जिसमें बिजली और गैसोलीन दोनों कार्य करते हैं | हालाकि इस तरह के वाहनों की कीमत लाखों से लेकर करोड़ों में रहती हैं | यदि कुछ उदाहरण देखे जाए तो बस, ट्रेन, कार, स्कूटर्स और मिलिट्री व्हीकल |
Hybird Electric Vehicle (HEV)
हाइब्रिड इलेक्ट्रिक व्हीकल या HEV बिजली और गैसोलीन की मदद से चलते हैं | HEV में लगी बैटरी को किसी external सोर्स की मदद से चार्ज नहीं किया जा सकता हैं | इसमें लगी बैटरी कार की ब्रेकिंग सिस्टम दुवारा रिचार्ज होती हैं | जिसे ‘Regenerative Braking” भी कहाँ जाता हैं |
इलेक्ट्रिक व्हीकल खरीदने के फायदे और नुकसान(Pro and Cons of Electric Vehicle)
डीजल या पेट्रोल इंजन वाहनों की तुलना में इलेक्ट्रिक वाहन के अपने कुछ फायदे और नुकसान दोनों होते हैं इससे पहले आप इस वाहन को खरीदने जा रहे हैं तो इसके फायदे और नुकसान के बारे में जरुर जान ले जिससे आपको बाद में सिरदर्द और पछतावा न हो |
Pros
- इलेक्ट्रिक व्हीकल का सबसे अधिक फायदा पर्यावरण को होता हैं क्योकिं ये किसी भी प्रकार का उत्सर्जन नहीं करते हैं |
- तेल पर न चलने के कारण इन वाहनों का जल्दी-जल्दी मेंटेनेंस नहीं करना पड़ता हैं |
- इलेक्ट्रिक व्हीकल किसी भी प्रकार का शोर उत्पन्न नहीं करते हैं |
- इलेक्ट्रिक व्हीकल को चार्ज करने के लिए उपयोग में लाई जाने वाली बिजली की cost, पेट्रोल की कीमत से कम से कम 25% तक कम हो सकती हैं यदि आप इसे घर चार्ज करते हैं तो यह cost 33% तक कम हो सकती हैं |
- इलेक्ट्रिक व्हीकल को घर पर आसानी से चार्ज किया जा सकता हैं इसके लिए आपको चार्जिंग स्टेशन पर जाने की कोई आवयश्कता नहीं होती हैं |
Cons
- अगर देखा जाए तो इलेक्ट्रिक व्हीकल काफी कम दुरी तक ही चल सकते हैं अधिकांश वाहन पूरी तरह से चार्ज होने पर 60 से 100 मील की रेंज तक ही तय कर सकते हैं |
- इलेक्ट्रिक व्हीकल का सबसे बड़ा नुकसान यह भी हैं जगह-जगह इलेक्ट्रिक चार्जिंग स्टेशन की कमी |
- विधुत वाहन या इलेक्ट्रिक व्हीकल चार्ज होने में काफी अधिक समय लेते हैं ध्यान दिया जाए, तो अधिकतर इलेक्ट्रिक कारें पूरी तरह से चार्ज में लगभग चार घंटे तक का समय लेती हैं |
- गैसोलीन वाहन की तुलना में इलेक्ट्रिक व्हीकल काफी महंगे होते हैं हालाकि भारतीय सरकार इन वाहनों को खरीदने में काफी छुट दे रही हैं |