भारत सरकार 1 फरवरी 2023 को पेश करने जा रही हैं। बजट देश की पूर्णकालिक वित्तमंत्री मंत्री निर्मला सीतारमण द्वारा पेश किया जाएगा। अक्सर बजट से पहले लोगों के पास कुछ ऐसे सवाल होते है जिनके उत्तर जानने के लिए उत्सुक होते है बजट पेश करने की प्रक्रिया क्या होती हैं ? बजट कितने प्रकार का होता हैं ? बजट की छपाई कौन करता हैं ? बजट में हलवा सेरेमनी क्यों होती हैं ? इन सभी सवालों के जवाब इस पोस्ट में दिए गए हैं चलिए आईये जानते हैं इस बारे में :-
आम बजट क्या हैं? (What is Budget?)
आप लोग जिस प्रकार से अपनी इनकम और खर्चो को लेकर बजट तैयार करते हैं ठीक उसी तरह से सरकार भी अगामी वर्षो के लिए अपनी आय और व्यय का लेखा-जोखा बजट में ही तैयार करती हैं और इसके बाद सरकार तैयार बजट को जनता के समकक्ष पेश करती हैं।
बहुत कम लोग जानते हैं सविंधान में “बजट” शब्द का उल्लेख देखने को नहीं मिलता हैं इसे बोलचाल की भाषा में “आम बजट” कहाँ जाता हैं सविंधान के आर्टिकल 112 में बजट को एनुअल फाइनेंशियल स्टेटमेंट का नाम भी दिया गया हैं।
बजट में हलवा समरोहा क्यों होता हैं ?(What is Halwa Ceremony?)
हलवा समारोह का आयोजन वित्त मंत्रालय दुवारा नई दिल्ली के नार्थ ब्लॉक में किया जाता हैं। इस मिठाई को कढ़ाई में बनाया जाता हैं और फिर वित्त मंत्री की अगुवाई में इसका वितरण मंत्रालय के लगभग 100 अधिकारीयों और कर्मचारीयों में होता हैं। इसके बाद से ही बजट की छपाई शुरू हो जाती हैं। बजट बनाने की प्रक्रिया जो भी कर्मचारी भाग लेते हैं वे दस दिन के लिए नार्थ ब्लाक के एक कमरे में चले जाते हैं यह सब कुछ इसलिए होता हैं जिससे कोई सूचना लीक न हो।
आपको बता दे, नार्थ ब्लाक से पहले बजट की छपाई 1950 तक राष्ट्रपति भवन में होती थी लेकिन एक लीक की वजह से इसे नार्थ ब्लाक में छापे जाने लगा। और तब से ही इसकी प्रिंटिंग यही हो रही हैं।
बजट कितने प्रकार के होते हैं ?(Types of Budget)
भारतीय बजट को तीन भागों में बांटा गया हैं, संतुलित बजट, बचत का बजट और घाटे का बजट। यहाँ आपको इन तीनों बजट के बारे में जानकारी दी गयी हैं जिनके बारे में आप पढ़ सकते हैं।
संतुलि बजट(Balanced Budget)
यदि सरकार की ओर से खर्च किए जाना वाला अनुमानित पैसा किसी अगामी वित्त वर्ष में संभावित सरकारी प्राप्तियों के बराबर हो जाता हैं तो इसे ही संतुलित बजट का कहाँ जाता हैं। कुछ अर्थशास्त्री का मानना हैं कि सरकार का व्यय उनके राजस्व से अधिक नहीं होना चाहिए।इस तरह के बजट को मंदी के समय अच्छा नहीं माना जाता हैं इसके अलावा रोजगार की समस्या भी काफी बढ़ जाती हैं।
असंतुलित बजट(Unbalanced Budget)
यदि सरकार का अनुमानित व्यय अपनी अनुमानित आय से अधिक या कम होता हैं तो इसे असंतुलि बजट का नाम दिया गया हैं इसके अन्तंर्गत ही “बचत का बजट” और “घाटे का बजट” आते हैं।
बचत का बजट(Surplus Budget)
जब किसी विशेष वित्त वर्ष में अपेक्षित सरकारी आय, अनुमानित सरकारी व्यय से अधिक हो जाती हैं तो इसे बचत का बजट या अधिशेष बजट कहते हैं। इसका मतलब यह हैं कि सरकार दुवारा लगाया करों की आमदनी जनता के कल्याण पर खर्च की गयी आमदनी से अधिक हैं। इस तरह के बजट मांग को कम करने के लिए मुद्रास्फीति के समय लागू किया जाता हैं।
घाटे का बजट (Deficit Budget)
यह “बचत का बजट” के विपरीत होता हैं, यदि अनुमानित सरकारी व्यय किसी वित्त वर्ष में अपेक्षित सरकारी आय से अधिक हो। तो इसे “घाटे का बचत” कहाँ जाता हैं इस तरह का बजट भारत जैसे विकासशील देशो के लिए काफी उपयुक्त’ होता हैं। इस बजट में बड़ी मात्रा में रोजगार पैदा होने के साथ-साथ विकास कार्यों में बढ़ावा मिलता हैं।
केंद्र सरकार की बजट पेश करने की प्रक्रिया क्या हैं?(What is the process of Budget?)
भारत सरकार हर वर्ष 1 फरवरी को अपना बजट पेश करती हैं जिसे अंतरिम बजट कहाँ जाता हैं लेकिन लोकसभा चुनाव के समय बजट को दो बार पेश किया जाता हैं जो पार्टी सत्ता में आती हैं वह अपना अलग से बजट पेश करती हैं। सत्ता में बैठी मोदी सरकार अपना बजट 1 फरवरी को पेश करने जा रही हैं यहाँ आपको कुछ चरण की मदद से बजट पेश करने की प्रक्रिया के बारे में बताया गया हैं :-
1. बजट तैयार करने की प्रक्रिया अगस्त-सितम्बर के महीने में शुरू होती हैं, सभी मंत्रालयों और विभागों के लिए एक सर्कुलर जारी किया जाता हैं जहाँ सभी से विशेष परियोजनाओं और फंड्स की जररूत का ब्यौरा देने को कहाँ जाता हैं। बजट के लिए यह जानकरी काफी आवयश्क होती हैं।
2. इसके बाद वित्तं मंत्रालय के उच्च अधिकारी नवम्बर महीने रायसीना हिल्स पर नार्थ ब्लाक में किसानों, उधोग संघो, वाणिज्य मंडलों और ट्रेड यूनियनों के साथ मिलकर राजकीय कोष बढ़ाने और टैक्स छूट पर बातचीत करते हैं। इसके अलावा बजट में सहयोगी और राजनीतिक दलों का भी परामर्श लिया जाता हैं।
3. वित्तमंत्री और अन्य सभी अधिकारी हलवा सेरेमनी में भाग लेते हैं आज से ही बजट की छपाई शुरू हो जाती हैं जो अधिकारी भी इस छपाई में शामिल होते हैं उन्हें लगभग 7 दिनों तक परिवार या अन्य किसी बाहरी व्यक्ति से संपर्क करने की अनुमति नहीं होती हैं। लेकिन इमरजेंसी के समय, इन अधिकारियों के परिवार उन्हें पहले से दिए गए नंबर पर सूचना भेज सकते हैं लेकिन सीधे कभी बात नहीं कर सकते हैं।
4. बजट पेश किये जाने से पहले, संसद के निचले सदन में विचार के लिए अनुछेद 117(1) और अनुछेद 117(3) के तहत राष्ट्रपति की अनुमति प्राप्त की जाती हैं। राष्ट्रपति की सिफारिश के बाद वित्तमंत्री लोकसभा में बजट सुबह 11 बजे पेश करते हैं। उस दिन लोकसभा में इस पर किसी भी प्रकार की चर्चा नहीं होती हैं।
5. बजट की प्रस्तुति के बाद तुरंत बाद एक वित्त विधेयक पास किया जाता हैं जिसमें सरकार के वित्तीय प्रस्तावों को प्रभावी करने के प्रावधान होते हैं विधेयक के प्रस्तावों का विरोध नही किया जा सकता हैं क्योकिं यह बजट की प्रक्रिया को पूरा करता हैं।