उत्क्रम परिणामित्र(Step up transformer)
वह ट्रांसफार्मर, जो न्यू प्रत्यावर्ती(alternative) वोल्टेज को उच्च प्रत्यावर्ती(alternative) वोल्टेज मे परिवर्तित करता है|
अवक्रम परिणामित्र(Step down transformer)
वह ट्रांसफार्मर, जो उच्च प्रत्यावर्ती(alternative) वोल्टेज को न्यू प्रत्यावर्ती(alternative) वोल्टेज मे परिवर्तित करता है|
शक्ति परिणामित्र (Power transformer)
वह ट्रांसफार्मर, जिसका use वैधुत शक्ति प्रणाली मे स्टेशन एवं सबस्टेशनों पर होता है| शक्ति परिणामित्र दो प्रकार के होते है-
(1)संचरण परिणामित्र(Transmission transformer)
(2)वितरण परिणामित्र(Distribution transformer)
औधोगिक परिणामित्र(Industrial transformer)
वह पॉवर ट्रांसफार्मर, जिसका प्रयोग औधोगिक क्षेत्र मे होता है, जैसे वेल्डिंग ट्रांसफार्मर |
लघु परिणामित्र(Small transformer)
वह सिंगल फेज ट्रांसफार्मर, जिसकी capacity 1KVA(kilo volt ampere) या इस से कम होती है, इलेक्ट्रॉनिक ट्रांसफार्मर, इंस्ट्रूमेंटेशन ट्रांसफार्मर आदि |
इलेक्ट्रॉनिक परिणामित्र(Electronics transformer)
वह ट्रांसफार्मर, जिसका प्रयोग इलेक्ट्रॉनिक इंजीनियरिंग मे होता है|
संचार परिणामित्र(Communication transformer)
वह ट्रांसफार्मर, जिसका प्रयोग कम्युनिकेशन इंजीनियरिंग के क्षेत्र मे होता है|
स्थिर वोल्टता परिणामित्र(Constant voltage transformer)
वह ट्रांसफार्मर, जिससे स्थायी वोल्टेज प्राप्त होती है|
उपयंत्र परिणामित्र(Instrument transformer)
वह ट्रांसफार्मर, जिसका प्रयोग वैधुत मापन यंत्र प्रणाली मे धारा परिणामित्र(c.t) अथवा विभव परिणामित्र(p.t) की तरह होता है, इंस्ट्रूमेंट ट्रांसफार्मर कहलाता है|
भट्टी परिणामित्र(Furnance transformer)
वह ट्रांसफार्मर, जिसका प्रयोग भट्टी को विधुत-प्रदाय प्रदान करने होता है, furnance transformer कहलाता है, जैसे आर्क furnace ट्रांसफार्मर, इंडक्शन furnace ट्रांसफार्मर आदि |
वेल्डिंग परिणामित्र(Welding transformer)
वह ट्रांसफार्मर, जिसका प्रयोग इलेक्ट्रिक वेल्डिंग के लिए होता है, वेल्डिंग ट्रांसफार्मर कहलाता है|
अभिवर्धक परिणामित्र(Booster transformer)
वैधुत शक्ति प्रणाली की अधिक लम्बी संचरण लाइनों मे वोल्टेज की आपूर्ति(compensate) करने के लिए प्रयुक्त ट्रांसफार्मर को बूस्टर ट्रांसफार्मर कहते है| इस ट्रांसफार्मर की secondary winding को संचरण लाइन की सीरीज़ मे संयोजित किया जाता है|
स्व: परिणामित्र(Auto transformer)
यह एक प्रकार का परिवर्तनीय परिणामित्र है, जिसमे केवल एक winding होती है, जो प्राइमरी और सेकेंडरी दोनों winding का कार्य करती है| इस प्रकार कॉमन वाइंडिंग वाले परिणामित्र को स्व: परिणामित्र कहते है|
प्रवर्तक परिणामित्र(Starter transformer)
वह परिणामित्र, जो ac मोटर के लिए स्टार्टर का कार्य करती है, स्टार्टर ट्रांसफार्मर कहलाता है|
वोल्टेज नियमन परिणामित्र(Voltage regulating transformer)
वह ट्रांसफार्मर, जो वोल्टेज रेगुलेशन का कार्य करता है, वोल्टेज regulating ट्रांसफार्मर कहलाता है|
परिणामित्र की शब्दावली
ट्रांसफार्मर के सप्लाई साइड को प्राथमिक पक्ष अर्थात प्राइमरी साइड कहते है|
द्वितीयक पक्ष(Secondary side)
ट्रांसफार्मर के भार पक्ष(load side) को secondary side कहते है|
प्राथमिक कुण्डलन(Primary winding)
सप्लाई साइड वाइंडिंग को प्राइमरी वाइंडिंग कहते है|
द्वितीयक कुण्डलन (Secondary winding)
भार पक्ष की वाइंडिंग को सेकेंडरी वाइंडिंग कहते है|
प्राथमिक वोल्टेज(Primary voltage)
सप्लाई वोल्टेज को प्राइमरी वोल्टेज कहते है| इसे V1 प्रतीकात्मक अक्षर से व्यक्त करते है|
द्वितीयक वोल्टेज(Secondary Voltage)
भार वोल्टेज को सेकेंडरी वोल्टेज कहते है| इसे V2 प्रतीकात्मक अक्षर से व्यक्त करते है|
प्राथमिक धारा(Primary current)
द्वितीयक करंट(Secondary current)
सेकेंडरी वाइंडिंग मे बहने वाली धारा को सेकेंडरी करंट कहते है| इसे I2 प्रतीकात्मक अक्षर से व्यक्त करते है|
पारस्परिक फ्लक्स(Mutual flux)
दो वाइंडिंग के कॉमन फ्लक्स को पारस्परिक फ्लक्स कह्ते है| इसे ∅ प्रतीकात्मक अक्षर से व्यक्त करते है|
क्रोड(Core)
इसका तात्पर्य आंतरिक अंग(Internal part) से है|
ट्रांसफार्मर का कार्य-सिद्धांत(Transformer working principle)
E1(self)= -N1 d∅ /dt
इसी प्रकार फैराडे के नियम के अनुसार ही, इन्ही पारस्परिक फ्लक्स से ट्रांसफार्मर की सेकेंडरी वाइंडिंग मे पारस्परिक विधुत वाहक बल(mutual induced emf) उत्पन्न होता है| यह भी प्रत्यावर्ती सप्लाई वोल्टेज का विरोध करता है, इसलिए इसे पारस्परिक विरोधी विधुत वाहक बल कहते है| इसे E2 से व्यक्त करते है|
E2(mutual) = -N2 d∅ /dt
समी(2) को समी(1) से भाग देने पर प्राप्त परिणाम
E2/E1 = N2/N1 = K(transformation ratio)
जब N2>N1 होगा, तब E2 > E1 भी होगा | इस अवस्था मे ट्रांसफार्मर को स्टेप-अप ट्रांसफार्मर(Step-up transformer) कहते है|
जब N2<N1 होगा, तब E2< E1भी होगा | इस अवस्था मे ट्रांसफार्मर को स्टेप-डाउन ट्रांसफार्मर(Step-down-transfer कहते है|
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