अंश या शेयर (Shares)
निश्चित संख्या मे जारी किये जाते है और प्रत्येक शेयर का मूल्य भी निर्धारित होता है| जारी किये गए शेयरों की संख्या इस बात पर निर्भर करती है कि कंपनी को कितने धन की आवश्यकता है|
शेयरों को जारी करके पूंजी (capital) एकत्र करने की आवश्यकता उस समय होती है जब किसी नई कंपनी को आरम्भ (start) किया जाता है या वर्तमान कम्पनी का विस्तार और सुधार करना होता है|
शेयर के प्रकार (Types of Shares)
(A) अधिमानी शेयर (Preference Shares)
अधिमानी शेयर अन्य शेयरों की तुलना मे वरीयता प्राप्त शेयर होते है| उदाहरण के लिए कम्पनी अधिमानी शेयरों पर लाभांश (dividend) का भुगतान (payment) पहले करती है बाद मे साधारण शेयरों पर लाभांश दिया जाता है|
अधिमानी शेयरों पर एक निशिचत लाभांश देय (payable) होता है जिसका भुगतान कम्पनी के सकल लाभ (gross profit) मे से किया जाता है| कम्पनी को जब घाटा होता है और यह लाभांश देने मे असमर्थ होती है तो ऐसी स्थिति (condition) मे अधिमानी अंशधारक (preference share holders) अपने अधिमानी अंशो का प्रयोग करके, साधारण अंशधारकों (ordinary share holder) के अंशो का हिस्सा अपने अधिकार मे ले लेते है| ऐसी condition उस समय आती है जबकि अधिमानी अंशो के लाभांश (dividend) का भुगतान किया जाता हो और साधारण अंशधारकों का भुगतान बकाया है|
अधिमानी शेयर निम्न प्रकार के होते है-
(i) संचित अधिमानी शेयर (Cumulative preference shares)
इस प्रकार के शेयरों पर निशिचत लाभांश (dividend) वर्ष मे एक बार देय होता है| किसी वर्ष कम्पनी के लाभों मे कमी आ जाने के कारण यदि पूरा लाभांश (dividend) नहीं दिया जाता है तो लाभांश की बकाया राशि का भुगतान आगामी वर्षों के अर्जित लाभ से किया जा सकता है|
(ii) असंचित अधिमानी शेयर (Non-cumulative shares)
इस प्रकार के शेयरों पर भी निशिचत लाभांश वर्ष मे एक बार देय होता है| परन्तु अमुक वर्ष मे कम्पनी के सकल लाभ मे कमी होने के कारण यदि कम्पनी लाभांश देने मे असमर्थ होती है तो आगामी वर्षों मे जब कम्पनी को लाभ मे वृद्धि होती है तब ऐसी condition मे अंशधारक बकाया लाभांश प्राप्त करने के हकदार नहीं होते |
(iii) भागीदारी अधिमानी शेयर (Participating preference shares)
इस प्रकार के शेयरों पर एक निशिचत वार्षिक सामान्य लाभांश (fixed annual dividend) तो देय होता है साथ ही कुछ अतिरिक्त लाभांश भी देय होता है| यह अतिरिक्त लाभ मे से दिया जाता है|
(B) सामान्य शेयर (Ordinary shares)
सामान्य शेयरों पर अंशधारकों को लाभांश का भुगतान अधिमानी शेयरों की अपेक्षा उच्च दर पर किया जाता है परन्तु ऐसे अंशधारकों का लाभांश-भुगतान मे जोखिम भी अधिक होता है|
सामान्य शेयरों पर लाभांश का भुगतान अधिमानी शेयरों के लाभांश का भुगतान करने के बाद किया जाता है| सामान्य शेयरों पर लाभांश की कोई सीमा नहीं होती | सामान्य अंशधारक किसी वर्ष तो अच्छा लाभांश प्राप्त करते है जबकि कम्पनी को अधिक लाभ होता है और हानि वाले वर्ष मे उनका लाभांश शून्य भी हो सकता है|
साधारण शेयरों को equity share कहते है|
(C) आस्थगित शेयर (Deferred shares)
आस्थगित शेयर केवल उन व्यक्तियों के लिए होते है जो कम्पनी के संस्थापक (founder) या प्रवर्तक (promoters) होते है|
आपका ब्लॉग मुझे बहुत अच्छा लगा, और यहाँ आकर मुझे एक अच्छे ब्लॉग को फॉलो करने का अवसर मिला. मैं भी ब्लॉग लिखता हूँ, और हमेशा अच्छा लिखने की कोशिस करता हूँ. कृपया मेरे ब्लॉग पर भी आये और मेरा मार्गदर्शन करें.
http://hindikavitamanch.blogspot.in/
http://kahaniyadilse.blogspot.in
बहुत बढ़िया आर्टिकल,
thanks
Ji