द्रवित पेट्रोलियम गैस(Liquified Petrolium Gas-LPG)
प्रथ्वी के अंदर पेट्रोलियम के साथ-साथ प्राकतिक गैस भी विधमान रहती है| प्राकतिक गैस मेथेन, ऐथेन, प्रोपेन आदि गैसीय हाईडृोकार्बन और H2,N2 और CO2 आदि होती है| जब प्राकतिक गैस पर उच्च दाब लगाते है तो इसकी प्रोपेन और butane द्रवित होकर पृथक हो जाती है | इस द्रवित ईंधन को उच्च दाब पर स्टील के सिलिंडरो मे भर लेते है और यह गैसो का द्रव mixture, द्रवित पेट्रोलियम गैस LPG कहलाता है| दाब हाटने पर द्रवित गैस पुनः गैसीय अवस्था मे आ जाती है| द्रवित पेट्रोलियम गैस के मुख्य अवयव n-butane, आइसो butane, butanil और प्रोपेन होते है |
इसका उष्मीय मान लगभग 27,800 किलो कैलोरी प्रति मीटर3 होता है|
यह इंडियन और भारत गैस आदि नामो के अंतर्गत सिलेंडरो मे उच्च दाब(Pressure) पर उपलब्ध होती है |
एलपीजी से भरे सिलिंडर का वाल्व(Valve) पर दाब(Pressure) कम होने के फलस्वरूप द्रवित गैस वाष्प रूप मे वर्नर मे प्रवेश करती है| यह जालने पर नीली लो( Blue Light) के साथ जलती है जिससे प्रयाप्त ताप(Temperature) उत्पन्न होता है |
उपयोग(Use)- यह घरेलू ईंधन के रूप मे अधिक प्रयोग की जाती है| यह मोटर ईंधन के रूप मे भी प्रयोग मे लायी जाने लायी जाने लगी है |