उदा : डिजिटल कंप्यूटर, डिजिटल ऑडियो – वीडियो उपकरण आदि।
डिजिटल सिग्नल प्रोसेसिंग के लाभ और उपयोग
वास्तव में संसार की अधिकाँश राशियाँ एनालॉग है किन्तु फिर भी अधिकाँश इन एनालॉग राशियों को डिजिटल फॉर्म में कन्वर्ट करके डिजिटल सिग्नलों की प्रोसेसिंग की जाती है प्रश्न यह उठता है कि आखिर सिग्नल की डिजिटल रूप में प्रोसेसिंग के क्या लाभ है? डिजिटल सिग्नल प्रोसेसिंग के महत्वपूर्ण लाभ है –
- डिजिटल सिस्टम को डिज़ाइन करना आसान होता है क्योंकि इनमें स्वीचिंग परिपथ (Circuit) प्रयोग किये जाते है जिनमें सिग्नल का वास्तविक मान महत्वपूर्ण नहीं होता बल्कि उनकी रेंज (हाई या लो) महत्वपूर्ण होती है।
- डिजिटल प्रारूप में सूचना को स्टोर करना आसान होता है।
- इनमें एक्यूरेसी अधिक होती है और स्वीचिंग परिपथ की संख्या अधिक कर एक्यूरेसी को बढाया जा सकता है।
- ऑपरेशन को कंप्यूटर की सहायता से प्रोग्राम किया जा सकता है।
- डिजिटल सिस्टम में शोर का प्रभाव कम होता है।
- डिजिटल सर्किट को IC (Intergrated Circuit) पर बनाया जाता है।
- सिग्नल का डिजिटल संचार (Communication) करने पर उनमें होने वाली त्रुटियाँ (error) का डिटेक्शन और करेक्शन सम्भव है।
- सिग्नल्स का डिजिटल संचार अधिक सुरक्षित होता है।
- VLSI (Very large scale integration) तकनीककी सहायता से Transceivers स्माल (small), हलके व मोबाइल हो गए है।
- डिजिटलपरिपथ (Circuit) अधिक Reliable होते है।
दोष
डिजिटल सिस्टम्स का महत्वपूर्ण दोष यही है कि संसार की अधिकांश राशियाँ एनालॉग होती है और उनको डिजिटल में कन्वर्ट करना आवश्यक होता है, तभी इनकी डिजिटल प्रोसेसिंग सम्भव है।
अच्छी जानकारी है…
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